मत करवाओ हमें इंतजार इतनाकि वक़्त के फैसले पर अफ़सोस हो जाये ,क्या पता कल तुम लौट कर आओ और हम सदा के लिए खामोश हो जायें
Sunday, July 19, 2009
Wait... Wait... Wait.... ye Intezaar
Posted by
Harsh Bardhan Snehy
at
12:57 AM
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